खेलते-खेलते धक्का देकर गिराना तो आदत थी ही तुम्हारी, पर
2.
उन्होंने मुझे धक्का देकर गिराना चाहा लेकिन दोस्तों ने मुझे संभाला।
3.
खेलते-खेलते धक्का देकर गिराना तो आदत थी ही तुम्हारी, पर फिर भागते क्यों थे, भगोड़े, डरपोक, अभी भी गुस्सा ही आता है तुम्हारे ऊपर, मेरी कितनी नई फ्राकें गंदी कीं तुमने, खेलना कभी आया नहीं तुम्हें बस लड़ाई करना आता था।
4.
खेलते-खेलते धक्का देकर गिराना तो आदत थी ही तुम्हारी, पर फिर भागते क्यों थे, भगोड़े, डरपोक, अभी भी गुस्सा ही आता है तुम्हारे ऊपर, मेरी कितनी नई फ्राकें गंदी कीं तुमने, खेलना कभी आया नहीं तुम्हें बस लड़ाई करना आता था।
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खेलते-खेलते धक्का देकर गिराना तो आदत थी ही तुम्हारी, पर फिर भागते क्यों थे, भगोड़े, डरपोक, अभी भी गुस्सा ही आता है तुम्हारे ऊपर, मेरी कितनी नई फ्राकें गंदी कीं तुमने, खेलना कभी आया नहीं तुम्हें बस लड़ाई करना आता था।